रेलवे दुर्घटना मुआवज़ा कैलकुलेटर चोट और नुकसान की जानकारी के आधार पर आपकी संभावित मुआवज़ा राशि का अंदाज़ा लगाने में मदद करता है। यह आसान है, ताकि आप जल्दी समझ सकें कि कितना क्लेम बन सकता है—बस ज़रूरी जानकारी भरें और परिणाम देखें।
पात्रता
- ट्रेन में सफ़र के दौरान या स्टेशन परिसर में हुई दुर्घटना/अनहोनी के पीड़ित।
- मृत्यु होने पर कानूनी वारिस क्लेम कर सकते हैं।
- यात्रा का प्रमाण (टिकट/ई-टिकट/पास/यूटीएस) लाभकारी है; न होने पर साफ़ स्पष्टीकरण + गवाह दें।
सामान्य मुआवज़ा राशि
- मृत्यु: लगभग ₹8,00,000 (वर्तमान मानक के अनुसार).
- गंभीर निर्दिष्ट चोटें: लगभग ₹8,00,000 तक (जैसे अंग कटना, दृष्टि/अंग क्षति आदि)।
- अन्य चोटें: मेडिकल कागज़ात के आधार पर उचित राशि।
- राशियाँ नवीन अधिसूचनाओं/निर्णयों पर निर्भर करती हैं; एलएसओ फाइलिंग से पहले जाँच करता है।
ज़रूरी दस्तावेज़
- एफआईआर/जीआरपी/DD एंट्री; इनक्वेस्ट/पंचनामा (मृत्यु मामलों में)
- पोस्टमार्टम/एमएलसी/मेडिकल रिकॉर्ड
- यात्रा प्रमाण (हो तो) या स्पष्ट विवरण + गवाह
- पीड़ित/दावेदार की पहचान-पता; वारिस का प्रमाण
- बैंक विवरण (कैंसिल्ड चेक/पासबुक)
- गवाह बयान, फोटो/वीडियो (यदि हों), मृत्यु प्रमाण पत्र
समय-सीमा (Limitation)
- संभव हो तो 1 वर्ष के भीतर दावा दाखिल करें (समुचित कारण हो तो देरी माफ़ हो सकती है)।
- सर्टिफ़ाइड कॉपियाँ समय पर लें और मेडिकल/पुलिस रिकॉर्ड क्रम में रखें।
कहाँ आवेदन करें
- जिस RCT के अधिकार क्षेत्र में (a) दुर्घटना हुई, (b) दावेदार रहता है, या (c) संबंधित रेलवे प्रशासन का कार्यालय आता है।
एलएसओ कैसे फाइल करता है (5 स्टेप)
- फ्री आकलन व केस सेटअप: पात्रता पक्की कर फाइल खोलना।
- सबूत तैयार: GRP/FIR, MLC/PM, यात्रा प्रमाण या स्पष्ट विवरण + गवाह।
- ड्राफ्ट व फाइलिंग: ट्रेन/तारीख/समय, कारण, चोट/मृत्यु व मांगी गई राहत—RCT में फाइल।
- सुनवाई व प्रमाण: हलफ़नामा, जिरह, मेडिकल कनेक्शन—टीम संभालती है।
- एवार्ड व भुगतान: आदेश, बाँट (apportionment) और बैंक क्रेडिट तक ट्रैकिंग।
अदालत जिन बातों पर ध्यान देती है
- बोना फाइड यात्री: टिकट या भरोसेमंद स्पष्टीकरण/गवाह/बुकिंग रिकॉर्ड।
- अनहोनी की परिभाषा: गिर जाना/पटरी से उतरना/टक्कर—(नशे या आपराधिक कृत्य पर रोक)।
- मेडिकल सम्बंध: MLC/PM में चोट/मृत्यु का संबंध घटना से दिखना चाहिए।
सामान्य गलतियाँ
- समय-सीमा निकल जाने तक इंतज़ार करना।
- यात्रा प्रमाण न होना और कहानी भी साफ़ न बताना।
- मेडिकल कागज़ात अधूरे रखना।
- सिर्फ़ मौखिक फ़ॉलोअप—लिखित पावती लेना बेहतर है।
सहायता
LSO Legal पूरी प्रक्रिया संभालता है—पात्रता जाँच, रिकॉर्ड इकट्ठा करना, फाइलिंग, सुनवाई, और बैंक क्रेडिट तक फ़ॉलोअप। तुरंत मदद के लिए कॉल करें: 0755-4222969 ,+91 9171052281 ,+91 8085829369 ,+91 8109631969. support@lifesavingorganization.com
सड़क दुर्घटना मुआवज़ा कैलकुलेटर सड़क दुर्घटना में पीड़ित व्यक्तियों को उनकी संभावित मुआवज़ा राशि का अंदाज़ा लगाने में मदद करता है। यह पीड़ितों को जल्दी और सही जानकारी देता है ताकि वे अपने नुकसान की भरपाई के लिए ज़रूरी कदम उठा सकें। इस कैलकुलेटर से आप चिकित्सा खर्च, शारीरिक चोट, आय की हानि और अन्य दावों की गणना कर सकते हैं।
पात्रता
- सड़क/यातायात दुर्घटना का पीड़ित (ड्राइवर, सवारी, पैदल यात्री, यात्री) घायल या मृत।
- घातक मामलों में कानूनी वारिस (पति/पत्नी, माता-पिता, बच्चे)।
- हिट-एंड-रन या बीमा-रहित वाहन पर अलग योजना लागू।
ज़रूरी दस्तावेज़
- एफआईआर/एक्सीडेंट रिपोर्ट, साइट प्लान, फोटो/सीसीटीवी
- मेडिकल रिकॉर्ड, डिस्चार्ज समरी, बिल और पर्चियां
- पीड़ित व दावेदार की पहचान/पता, कानूनी वारिस का प्रमाण
- ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, वाहन बीमा विवरण
- आय का प्रमाण, उम्र का प्रमाण, बैंक पासबुक/चेक
- दिव्यांगता प्रमाण पत्र, नियोक्ता से अवकाश प्रमाण
एलएसओ कैसे मदद करता है
- कैलकुलेशन और केस रजिस्ट्रेशन
- सबूत इकट्ठा करना: एफआईआर, मेडिकल, बिल, फोटो, गवाह
- याचिका दाखिल करना: साफ-सुथरा दावा बनाकर ट्रिब्यूनल में
- सुनवाई और सबूत: गवाही, दिव्यांगता जांच, क्रॉस
- मुआवज़ा प्राप्ति: जमा की निगरानी, बैंक प्रक्रिया में मदद
सामान्य गलतियाँ
- मेडिकल बिल सुरक्षित न रखना
- आय का प्रमाण न देना
- सिर्फ फोन कॉल पर निर्भर रहना
- दिव्यांगता प्रमाण पत्र न लेना
LSO Legal पूरी प्रक्रिया संभालता है। मार्गदर्शन के लिए कॉल करें: 0755-4222969 ,+91 9171052281 ,+91 8085829369 ,+91 8109631969
अत्याचार अधिनियम मुआवज़ा कैलकुलेटर पीड़ितों को संभावित मुआवज़ा राशि समझने में मदद करता है। इसका उद्देश्य है कि पीड़ित को जल्दी और सही जानकारी मिले ताकि वह सही कदम उठा सके—जैसे चोट, मानसिक पीड़ा, संपत्ति का नुकसान, आय की हानि आदि के दावे।
“अत्याचार” (PoA) क्या है?
जब किसी व्यक्ति पर SC/ST होने के कारण सार्वजनिक अपमान, धमकी/मारपीट, संपत्ति का नुकसान या सामाजिक/आर्थिक बहिष्कार किया जाए। PoA तभी लागू होता है जब जाति का उद्देश्य/मंशा स्पष्ट हो। सामान्य झगड़ा या निजी दुश्मनी PoA नहीं है, जब तक जाति का स्पष्ट कोण न हो।
4 आसान जाँच
- क्या जातिसूचक गाली/टिप्पणी हुई या SC/ST होने के कारण निशाना बनाया गया?
- क्या FIR/शिकायत में PoA धारा 3 से जुड़ी बातें (ठीक शब्द, गवाह, ऑडियो/वीडियो) दर्ज हैं?
- क्या घटना सार्वजनिक रूप से/लोगों के सामने हुई, या बार-बार/योजना बनाकर?
- क्या उसी स्थिति में दूसरों को छोड़ा गया लेकिन पीड़ित को चुना गया?
संदेह हो तो FIR में PoA धाराएँ जोड़ने का लिखित अनुरोध दें और ठीक शब्द/गवाह/प्रमाण लगाएँ।
उदाहरण वाक्य
- “स्पेशल कोर्ट ने SC पीड़ित के विरुद्ध हुए अत्याचार का संज्ञान लिया।”
- “FIR में जातिसूचक टिप्पणी लिखी थी, इसलिए PoA धाराएँ जोड़ी गईं।”
- “PoA नियमों के तहत पीड़ित को चरणबद्ध मुआवज़ा मिलता है।”
- “FIR में PoA धाराएँ नहीं थीं, तो पीड़ित ने लिखित आवेदन देकर जोड़ने को कहा।”
कानून क्या करता है
- स्पष्ट अपराध सूची: सार्वजनिक अपमान, धमकी/हमला, संपत्ति नुकसान, सामाजिक/आर्थिक बहिष्कार आदि
- तुरंत कार्रवाई व स्पेशल कोर्ट: FIR, समयबद्ध जाँच और तेज़ सुनवाई
- मुआवज़ा व सहायता: राज्य/केंद्र शेड्यूल अनुसार चरणबद्ध राशि; मेडिकल/पुनर्वास; DBT
- पुलिस/प्रशासन की ज़िम्मेदारी: FIR, सुरक्षा, समय पर रिपोर्टिंग, जिला-स्तरीय मॉनिटरिंग
- पीड़ित/गवाह सुरक्षा: उत्पीड़न रोकथाम व सहायता
- संशोधन: 2015 आदि संशोधनों से प्रावधान मज़बूत हुए (राशि/प्रक्रिया आपके राज्य/केंद्र शेड्यूल के अनुसार)
सटीक राशि के लिए LSO कैलकुलेटर देखें—आपके राज्य/केंद्र के शेड्यूल अनुसार ब्रेकअप दिखता है।
कब बनेगा “अत्याचार मामला”? (3-Check Rule)
- कृत्य PoA सूची में हो (अपमान, धमकी/हमला, संपत्ति नुकसान, बहिष्कार आदि)
- मंशा: SC/ST होने के कारण निशाना बनाया गया
- FIR: सही PoA धाराएँ व तथ्य/शब्द/गवाह दर्ज हों
कोई कड़ी कमज़ोर हो तो FIR/जाँच में लिखित रूप से स्पष्ट करें (ठीक शब्द, तारीख/समय/स्थान, गवाह, प्रमाण)।
SC/ST महिला के लिए
लक्षित हिंसा, अपमान, यौन अपराध और बहिष्कार पर विशेष सुरक्षा; मुआवज़ा चरणों में मिलता है। सटीक राशि/अगला कदम कैलकुलेटर से देखें।
राशि कैसे मिलती है (Stages)
- FIR के बाद — पहला भाग
- चार्जशीट के बाद — दूसरा भाग
- निर्णय/दोषसिद्धि के बाद — अंतिम भाग
प्रतिशत/राशि राज्य/केंद्र शेड्यूल पर निर्भर—कैलकुलेटर में दिखती है।
ज़रूरी दस्तावेज़
- PoA धाराओं सहित FIR व केस नंबर
- पहचान/पता व SC/ST जाति प्रमाण पत्र
- मेडिकल/MLC (चोट हो तो), फोटो/वीडियो, गवाह
- DBT हेतु बैंक विवरण (पासबुक/कैंसिल्ड चेक)
- चार्जशीट (Stage-2), निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रति (Stage-3)
- संपत्ति नुकसान: पंचनामा/वैल्यूएशन
अब क्या करें
- फॉर्म भरें: “क्या हुआ”, आपका स्टेज (FIR/चार्जशीट/निर्णय), मिली राशि दर्ज करें → Calculate → Apply
- LSO आगे संभालेगा: ड्राफ्ट, दस्तावेज़, DM/प्राधिकरण को जमा, पावती, फ़ॉलोअप; PoA धाराएँ न हों तो लिखित अनुरोध
- स्टेटस ट्रैकिंग: देय स्टेज व राशि ट्रैक; DBT क्रेडिट तक समन्वय
पेंडिंग राशि देखें
कैलकुलेटर में Total / Received / Pending / Next Step एक ही स्क्रीन पर दिखेंगे—फिर आवेदन करें, LSO फ़ॉलोअप करेगा।
LSO कैसे मदद करता है
हम फ़ाइल सरल बनाते हैं, चरणवार पत्र लिखते हैं, ज़िला प्रशासन से समन्वय करते हैं और पूरी राशि आने तक फ़ॉलोअप करते हैं। सहायता: 0755-4222969 · support@lifesavingorganization.com (Online: Open Calculator & Apply)

