भारत में कोर्ट मैरिज (2025 गाइड) – प्रक्रिया, पात्रता, दस्तावेज़, ऑनलाइन पंजीकरण, लागत व विवाह प्रमाणपत्र
विवाह किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण निर्णय होता है। भारत में जहाँ पारंपरिक विवाह धार्मिक/समुदायिक रीति-रिवाजों से होते हैं, वहीं कोर्ट मैरिज विवाह अधिकारी (Marriage Officer) के समक्ष संपन्न होने वाला कानूनी और सरल तरीका है। यह विशेष विवाह अधिनियम, 1954 (Special Marriage Act, 1954) के अंतर्गत मान्य है और जाति, धर्म या पंथ की परवाह किए बिना सभी नागरिकों पर लागू होता है।
आज के समय में हज़ारों कपल्स marriage registration, marriage certificate और court marriage process के बारे में ऑनलाइन खोज करते हैं, क्योंकि इससे कानूनी संरक्षण, प्रामाणिकता और दस्तावेज़ीकरण में आसानी मिलती है। 2025 में कई राज्यों ने ऑनलाइन कोर्ट मैरिज आवेदन की सुविधा देकर प्रक्रिया को ज्यादा तेज़ और पारदर्शी बना दिया है।
कोर्ट मैरिज क्या है?
कोर्ट मैरिज का अर्थ है कि दो वयस्क, स्वेच्छा से, विवाह अधिकारी की उपस्थिति में विवाह संपन्न करें और उसके बाद विवाह प्रमाणपत्र (Marriage Certificate) जारी हो। धार्मिक समारोहों के विपरीत, इसमें कोई रीति-रिवाज़/अनुष्ठान आवश्यक नहीं—यह पूरी तरह क़ानून-आधारित प्रक्रिया है।
आप हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख या किसी भी समुदाय से हों—आप सीधे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और अपना विवाह पंजीकृत करा सकते हैं। Special Marriage Act के अंतर्गत यह प्रक्रिया पूरे भारत में लगभग एकसमान है।
भारत में कोर्ट मैरिज की पात्रता (Eligibility)
आवेदन से पहले निम्न शर्तें पूरी होनी चाहिए:
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आयु (Age):
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दूल्हा (Groom): कम-से-कम 21 वर्ष
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दुल्हन (Bride): कम-से-कम 18 वर्ष
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वैवाहिक स्थिति: दोनों अविवाहित हों; या विधिवत तलाकशुदा/कानूनी रूप से अलग हों।
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सहमति (Consent): विवाह स्वेच्छा से हो—बल/दबाव नहीं।
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मानसिक योग्यता: दोनों सामान्य मानसिक स्थिति में हों और वैध सहमति देने में सक्षम हों।
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निषिद्ध संबंध (Prohibited Degrees): क़ानून में निषिद्ध रिश्तों के अंतर्गत न आते हों (जब तक आपकी प्रचलित परंपरा इसकी अनुमति न दे)।
इन मानकों की जाँच विवाह पंजीयन प्रक्रिया के दौरान सावधानी से की जाती है।
चरण-दर-चरण कोर्ट मैरिज प्रक्रिया (2025 अपडेट)
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विवाह की सूचना (Notice of Intended Marriage)
जहाँ किसी एक पक्ष ने कम-से-कम 30 दिन निवास किया हो, उस ज़िले के विवाह रजिस्ट्रार के सामने लिखित सूचना दी जाती है। -
सूचना का प्रकाशन (Publication of Notice)
यह नोटिस कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर 30 दिनों के लिए प्रदर्शित रहता है। इस अवधि में कोई भी कानूनी आपत्ति दर्ज कर सकता है। -
आपत्ति व निस्तारण (Objection & Resolution)
यदि कोई वैध आपत्ति नहीं आती, तो प्रक्रिया आगे बढ़ती है। आपत्ति आने पर विवाह अधिकारी जाँच करता/करती है और निर्णय देता/देती है। -
घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर (Declaration by Parties)
प्रतीक्षा अवधि के बाद दूल्हा-दुल्हन तीन गवाहों की उपस्थिति में घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं। -
विवाह संपादन (Solemnization of Marriage)
विवाह रजिस्ट्रार कार्यालय या विवाह अधिकारी द्वारा स्वीकृत किसी अन्य स्थान पर संपन्न किया जा सकता है। -
विवाह प्रमाणपत्र जारी (Marriage Certificate Issuance)
विवाह संपन्न होने के बाद कानूनी विवाह प्रमाणपत्र जारी किया जाता है—जो सरकारी, सामाजिक और वित्तीय सभी कार्यों में प्रमाण के रूप में मान्य होता है।
यह आधिकारिक प्रक्रिया भारत में भारतीय नागरिकों के साथ-साथ NRI दंपतियों पर भी लागू होती है।
आवश्यक दस्तावेज़ (Documents Required)
दोनों पक्षों के लिए सामान्यतः ये दस्तावेज़ माँगे जाते हैं:
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आयु प्रमाण: जन्म प्रमाणपत्र/10वीं मार्कशीट/पासपोर्ट
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पता प्रमाण: आधार कार्ड/वोटर ID/ड्राइविंग लाइसेंस
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पासपोर्ट साइज फोटो: सामान्यतः 6-6
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दोनों के शपथ-पत्र (Marriage Affidavit)
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तलाक डिक्री (यदि पहले विवाह हुआ हो और तलाकशुदा हों)
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मृत्यु प्रमाणपत्र (यदि विधवा/विधुर हों)
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गवाहों के ID प्रूफ: आधार/वोटर ID/पासपोर्ट
दस्तावेज़ों का सत्यापन होने के बाद विवाह पंजीयन प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
कोर्ट मैरिज ऑनलाइन आवेदन (2025)
डिजिटलीकरण के साथ कई राज्यों में अब ऑनलाइन पंजीकरण संभव है। कपल्स:
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राज्य के आधिकारिक विवाह पोर्टल पर जाएँ
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विवरण भरें (नाम, जन्मतिथि, निवास, धर्म इत्यादि)
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स्कैन दस्तावेज़/फोटो अपलोड करें
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शुल्क ऑनलाइन जमा करें
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उपस्थिति की तिथि (Appointment) चुनें
ऑनलाइन प्रणाली से कागज़ी प्रक्रिया कम होती है और प्रमाणपत्र जल्दी जारी हो पाता है।
भारत में कोर्ट मैरिज की लागत
पारंपरिक शादियों की तुलना में कोर्ट मैरिज किफायती है:
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सरकारी शुल्क: लगभग ₹500–₹1500 (राज्य अनुसार)
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स्टाम्प ड्यूटी: लगभग ₹100–₹250
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वकील/कंसल्टेशन: वैकल्पिक, लगभग ₹5,000–₹15,000
इस प्रकार 2025 में औसत लागत स्थान और सेवाओं के अनुसार लगभग ₹6,000–₹10,000 पड़ सकती है।
कोर्ट मैरिज के लाभ
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पूरे भारत में कानूनी रूप से मान्य
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सरल, किफायती, समय-बचत प्रक्रिया
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इंटर-कास्ट/इंटर-रिलिजन विवाह के लिए उपयुक्त
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पति/पत्नी, बच्चों और संपत्ति के कानूनी अधिकारों की सुरक्षा
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अनावश्यक रीति-रिवाज/सामाजिक विवाद से बचाव
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वीज़ा/पासपोर्ट/NRI वैलिडेशन में सहायक
आम चुनौतियाँ
क़ानून सरल होने पर भी कभी-कभी ये दिक्कतें आती हैं:
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नोटिस अवधि के दौरान आई आपत्तियों के कारण देरी
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NRI/इंटर-कंट्री विवाहों में अतिरिक्त दस्तावेज़
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ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में जानकारी की कमी
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अनधिकृत एजेंटों द्वारा भ्रामक मार्गदर्शन
इनसे बचने के लिए किसी प्रोफेशनल कोर्ट मैरिज वकील या LSO Legal Private Limited जैसे विश्वसनीय सर्विस प्रदाता से स्टेप-बाय-स्टेप सहायता लेना बेहतर है।
विवाह प्रमाणपत्र—क्यों महत्त्वपूर्ण है?
विवाह प्रमाणपत्र एक महत्त्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज़ है। इसकी आवश्यकता होती है:
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पासपोर्ट/वीज़ा में spouse नाम जोड़ने हेतु
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इंश्योरेंस/पेंशन लाभ क्लेम करने में
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विवाद/तलाक की स्थिति में कानूनी प्रमाण के रूप में
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इमिग्रेशन/NRI वैलिडेशन में
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सामाजिक सुरक्षा व संपत्ति अधिकार के लिए
इसीलिए विवाह संपन्न कराने जितना ही विवाह पंजीकरण पूरा करना भी ज़रूरी है।
NRI और इंटर-रिलिजन कपल्स के लिए कोर्ट मैरिज
NRI कपल्स Special Marriage Act के तहत आवेदन कर सकते हैं; इसके लिए विदेशी पासपोर्ट, वीज़ा और निवास प्रमाण सहित कुछ अतिरिक्त दस्तावेज़ लगते हैं।
इंटर-कास्ट/इंटर-रिलिजन विवाह भी इसी अधिनियम के अंतर्गत पूरी तरह वैध हैं, इसलिए सामाजिक दबाव से बचाव और कानूनी सुरक्षा के लिए कोर्ट मैरिज एक मज़बूत विकल्प है।
भारत में कोर्ट मैरिज—अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1) भारत में कोर्ट मैरिज में कितने दिन लगते हैं?
उ. सामान्यतः 30–35 दिन, जिसमें 30 दिन का नोटिस पीरियड शामिल है।
प्र.2) क्या एक दिन में कोर्ट मैरिज हो सकती है?
उ. कुछ मामलों में (जैसे आर्य समाज में अनुष्ठान + तत्क्षण रजिस्ट्रेशन) वन-डे संभव बताया जाता है; पर आधिकारिक कोर्ट मैरिज में सामान्यतः 30 दिन का नोटिस अनिवार्य है।
प्र.3) कोर्ट मैरिज और मैरिज रजिस्ट्रेशन में क्या अंतर है?
उ. कोर्ट मैरिज—विवाह अधिकारी के समक्ष विवाह संपन्न करना।
मैरिज रजिस्ट्रेशन—पहले से धार्मिक/रीति अनुसार हुए विवाह को क़ानूनी तौर पर दर्ज करना।
प्र.4) 2025 में भारत में कोर्ट मैरिज की लागत क्या है?
उ. औसतन ₹6,000–₹10,000, जिसमें सरकारी शुल्क और (यदि लें) वकील फीस शामिल हो सकती है।
प्र.5) क्या NRI कपल्स ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं?
उ. हाँ, कई राज्यों में ऑनलाइन आवेदन संभव है; पर विदेशी दस्तावेज़ (पासपोर्ट/वीज़ा/रिसिडेंस प्रूफ) अतिरिक्त रूप से देना होगा।
निष्कर्ष—2025 में कोर्ट मैरिज क्यों चुनें?
भारत में कोर्ट मैरिज सबसे सरल, सुरक्षित और कानूनी रूप से मान्य तरीका है। marriage certificate download, online marriage registration या court marriage lawyer consultation—2025 में डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स की वजह से पूरी प्रक्रिया पहले से तेज़ हो गई है।
LSO Legal Private Limited में हम आवेदन से लेकर प्रमाणपत्र जारी होने तक पूर्ण सहायता प्रदान करते हैं। हमारे विशेषज्ञ वकील शून्य त्रुटि, तेज़ दस्तावेज़ीकरण और स्मूद अप्रूवल सुनिश्चित करते हैं।
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